जानिए क्यों बचपन में उमरान मलिक को गजनी के नाम से पुकारते थे उनके साथी खिलाड़ी
जानिए क्यों बचपन में उमरान मलिक को गजनी के नाम से पुकारते थे उनके साथी खिलाड़ी
नई दिल्ली। आइपीएल में बेहतरीन प्रदर्शन कर सुर्खियां बटोरने वाले सनराइजर्स हैदराबाद के तेज गेंदबाज उमरान मलिक को बचपन में उनके साथी खिलाड़ी डर की वजह से गजनी कहकर पुकारते थे। उमरान ने बुधवार को गुजरात टाइटंस के खिलाफ चार ओवर में 25 रन देकर पांच विकेट झटके थे।
उमरान की बड़ी बहन शहनाज ने दैनिक जागरण को बताया कि भाई को बचपन से ही क्रिकेट खेलने का शौक था और परिवार के लोगों ने कभी उसे खेलने से मना नहीं किया, लेकिन कई बार ऐसा होता था कि उमरान को पकड़कर लाना पड़ता था कि बस अब ज्यादा खेलने की जरूरत नहीं है, कम से कम खाना तो खा लो। धीरे-धीरे जम्मू में उमरान का नाम बन गया और लड़के इसके सामने खेलने से डरने लगे। तेज गेंद डालने के कारण लोग उसे गजनी बुलाने लगे थे। पहले हम लोग गुर्जर नगर में रहते थे और उमरान वहीं पास में एक मैदान में खेलने जाया करता था। शुरुआत में जब उमरान बहुत छोटा था तो वह बल्लेबाजी करता था। फिर धीरे-धीरे उसने गेंदबाजी करना शुरू की। यहां घरेलू टूर्नामेंटों में उमरान बल्लेबाजी करते थे और उन्होंने शतक भी जड़ा था। बाद में उन्हें गेंदबाजी का शौक चढ़ा।
शहनाज ने कहा, अंडर-19 का ट्रायल देने के बाद यहां रणधीर सिंह मनहास ने उन्हें सिखाया और ट्रेनिंग दी। उसके बाद अंडर-23 के ट्रायल हुए जहां वह खेले। फिर मुश्ताक अली में उमरान का चयन हुआ और बाद में विजय हजारे ट्राफी भी खेली, वहां अच्छे प्रदर्शन से उमरान आगे बढ़े। जब उसे सनराइजर्स के नेट गेंदबाज के तौर पर चुना गया तो हम सभी यही दुआ कर रहे थे कि उसे टीम में जगह मिले। वह भले ही आइपीएल में खेल रहा हो लेकिन उसका पहला प्यार भारतीय टीम की जर्सी पहनना है।
पिता की है सब्जी और फल की दुकान : शहनाज ने बताया कि हम दो बहन और एक भाई हैं। पिता की सब्जी और फल की दुकान है। भाई सबसे छोटा था और बड़ी मुश्किल से मिला था तो उसकी सारी जरूरतें पूरी की जाती थीं। उसकी राह में पैसे की कमी कभी नहीं आई। माता-पिता ने जो बन सका वो किया। मुझे लगता है कि कभी कोच साहब ने भी फीस नहीं ली और उमरान की पूरी मदद की। उन्होंने ही उसे संवारा और आगे बढ़ाया। उमरान को 17 वर्ष की उम्र तक कोई कोचिंग नहीं मिली और ना ही कभी वह चमड़े की गेंद से खेला था। वह मोहल्ला टेनिस बाल टूर्नामेंट खेलता था जिससे पांच सौ से 3000 रुपये प्रति मैच तक मिलते थे।
जम्मू कश्मीर क्रिकेट टीम में कश्मीरी खिलाड़ियों का दबदबा था लेकिन उमरान की मदद उनके ही साथी खिलाड़ी अब्दुल समद ने की जो खुद भी सनराइजर्स टीम का हिस्सा हैं। समद ने उनकी गेंदबाजी के वीडियो वीवीएस लक्ष्मण और टाम मूडी को जून 2020 में भेजे। सनराइजर्स को वीडियो पसंद आए और उमरान नेट गेंदबाज के तौर पर टीम के साथ जुड़े। कोच रणधीर सिंह मनहास ने कहा, 'मुझे लगा कि उमरान खास है और टीम के सीनियर तेज गेंदबाज रामदयाल को भी ऐसा ही लगा। राम ने कहा कि इस लड़के का भविष्य उ”वल है।'
कोट-
मैं सिर्फ सही लाइन-लेंथ में गेंदबाजी करके विकेट चटकाना चाहता हूं और जहां तक 155 किमी प्रति घंटे से ज्यादा की रफ्तार से गेंदबाजी करने की बात है तो ऊपर वाला चाहेगा तो मैं एक दिन ऐसा करूंगा।
-उमरान मलिक, तेज गेंदबाज, सनराइजर्स हैदराबाद
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उमरान के लिए अगली चुनौती भारतीय टीम है। उसे शायद अंतिम एकादश में खेलने का मौका नहीं मिले क्योंकि भारत के पास मुहम्मद शमी, जसप्रीत बुमराह, मुहम्मद सिराज और उमेश यादव हैं। शायद वह अभी खेल नहीं पाए लेकिन रोहित शर्मा, विराट कोहली जैसे खिलाडि़यों के साथ यात्रा करने, उनके साथ ड्रेसिंग रूम साझा करने से देखते हैं उन पर क्या असर पड़ता है।
-सुनील गावस्कर, पूर्व कप्तान, भारत
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उमरान एक हीरा है। बस बात इतनी है कि किस तरह भारतीय क्रिकेट में अगले दो वषरें में उनकी प्रतिभा की देखभाल की जाती है और कैसे सर्वश्रेष्ठ निकाला जा सकता है। अगर वह बीसीसीआइ या एनसीए की छत्रछाया में आ जाते हैं तो यह उनके लिए सर्वश्रेष्ठ चीज होगी।
--डेनियल विटोरी, पूर्व कप्तान, न्यूजीलैंड
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उमरान मलिक ने बुधवार के मैच में खलबली मचा दी। उनकी तेज गति और आक्रामकता देखने लायक थी। बीसीसीआइ को उन्हें एक विशेष कोच देना चाहिए और उन्हें जल्द राष्ट्रीय टीम में शामिल करना चाहिए।
--पी चिदंबरम, पूर्व वित्त मंत्री